धार जिला : मांडव
- जहाज महल, मांडू का एक खूबसूरत, अच्छी तरह से रखी गई, ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह महल दो झीलों कापुर तालाब और मुंज तालाब के बीच बना हुआ है जो देखने में जहाज के जैसा दिखता है। इस महल को खिजली राजवंश के घिया – उद – दीन खिजली के द्वारा बनवाया गया था। इस महल में कई फव्वारे और कैनॉल है जिनसे पानी बहता है, इस जगह आसानी से देखा जा सकता है कि राजा अपनी सारी पत्नियों के साथ कितने मजे से समय बिताते होगें। इस महल की वास्तुकला में दो मंजिला इमारत, कई खंभे, मेहराब और खपरैल की छत भी बनी हुई है। यह महल फोटो खींचने के शौकीन पर्यटकों को अवसर प्रदान करता है। यहां से झील का मनोरम दृश्य और आसपास बने हुए गार्डन का नजारा बेहद दिलकश होता है। इरकबाज़ लोग यहां बैठकर अक्सर उस जमाने में राजा के सुखों के बारे में बात भी किया करते है।
-
रानी रूपमती महल 365 मीटर ऊँची खड़ी चट्टान पर स्थित इस महल का निर्माण बाजबहादुर ने रानी रूपमती के लिए कराया था। इसी के साथ ही सैनिकों के लिए मांडू की सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखने के बेहतर स्थान के रूप में भी इसका प्रयोग किया जाता था।
कहा जाता है कि रानी रूपमती सुबह ऊठकर माँ नर्मदा के दर्शन करने के बाद ही अन्न-जल ग्रहण करती थी। अत: रूपमती के नर्मदा दर्शन को सुलभ बनाने हेतु बाजबहादुर ने ऊँचाई पर स्थित इस महल का निर्माण कराया था।
- हिंडोला महल, मांडू की शाही इमारतों में से एक है। इसे होसांग शाह के शासनकाल के दौरान बनाया गया था। इस महल का उपयोग मुख्य रूप से दरबार के रूप में किया जाता था जहां राजा बैठकर अपनी प्रजा की समस्याओं को सुनते थे। हिंडोला महल का शाब्दिक अर्थ होता है – झूलती जगह। यह महल पुराने समय के राज्यों और शासन की भव्यता का प्रतीक है। हिंडोला महल के निर्माण को करने वाले लोगों ने ही वारंगल किले को इसकी प्रतिकृति के रूप में बनवाया था। मालवा शैली की वास्तुकला वाले इस महल में बाहरी दीवारें 77 डिग्री के कोण पर झुकी हुई है जिसके कारण इसे हिंडोला महल कहा जाता है। हिंडोला महल, भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण चिन्ह् है और इसकी वास्तुकला भी काफी विख्यात है। इतिहास और स्थापत्य कला में उत्साही लोगों के लिए यह स्थल बेहद खास है, यहां आकर पर्यटक दरबार की गूंज को समय की रेत में दफन हुआ देख सकते है।
फोटो गैलरी
कैसे पहुंचें:
बाय एयर
मांडू एक छोटा सा शहर है लेिकन फिर भी यहां तक वायु मार्ग के द्वारा इंदौर के रास्ते से आसानी से पहुंचा जा सकता है। मांडू का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट इंदौर हवाई अड्डा है जो मांडू से 100 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस एयरपोर्ट से भारत के प्रमुख शहरों के लिए नियमित उड़ाने भरी जाती है जिनमें दिल्ली, मुम्बई, ग्वालियर और भोपाल शामिल है।
ट्रेन द्वारा
इंदौर निकटतम रेलवे स्टेशन है जो भारत के प्रमुख स्टेशनों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
सड़क के द्वारा
मांडू से राष्ट्रीय राजमार्ग और राज्य राजमार्ग दोनों ही अच्छी तरह जुड़े हुए है। इस शहर से भारत के महत्वपूर्ण शहरों के लिए बसें आसानी से मिल जाती है। मांडू, धार और इंदौर से अच्छी तरह कनेक्ट है। मांडू से इंदौर व धार के लिए नियमित रूप से बसें चलती रहती है। कार को भी इंदौर और धार से किराए पर ले जाया जा सकता है।