खरगौन जिला: महेश्वर
श्रेणी अन्य, ऐतिहासिक
- महेश्वर किला यह शहर हैहयवंशी राजा सहस्रार्जुन, जिसने रावण को पराजित किया था, की राजधानी रहा है। ऋषि जमदग्नि को प्रताड़ित करने के कारण उनके पुत्र भगवान परषुराम ने सहस्रार्जुन का वध किया था। कालांतर में महान देवी अहिल्याबाई होल्कर की भी राजधानी रहा है। नर्मदा नदी के किनारे बसा यह शहर अपने बहुत ही सुंदर व भव्य घाट तथा महेश्वरी साड़ियों के लिये प्रसिद्ध है। घाट पर अत्यंत कलात्मक मंदिर हैं जिनमे से राजराजेश्वर मंदिर प्रमुख है। आदिगुरु शंकराचार्य तथा पंडित मण्डन मिश्र का प्रसिद्ध शास्त्रार्थ यहीं हुआ था। यह जिले की एक तहसील का मुख्यालय भी है। प्रसिध्द पर्यटन स्थल है। खरगौन से 60 कि.मी.।
- सह्स्त्रधारा सहस्त्र धारा का अर्थ है ‘एक हजार धाराएँ’। इस स्थान पर नर्मदा नदी पर धाराओं की संख्या लगभग उतनी ही है।
फोटो गैलरी
कैसे पहुंचें:
बाय एयर
निकटस्थ विमानपत्तन है इंदौर।
ट्रेन द्वारा
निकटस्थ रेल्वे स्टेशन 1. इंदौर 96 कि.मी. 2. खंडवा 120 कि.मी.
सड़क के द्वारा
इंदौर से 96 कि.मी. - खंडवा से 120 कि.मी. - मांडव से 40 कि.मी. - ओंकारेश्वर से 66 कि.मी. - खरगौन से 56 कि.मी.